Thursday, 24 December 2015

इक भक्ति गीत प्रस्फुटित हुआ है
आप सब से साँझा कर रहा हूँ ...
मेरी भक्ति तुम्ही मैय्या मेरी शक्ति तुम्ही मैय्या
चिंतन भी तुम्हारा है हर युक्ति तुम्ही मैय्या
हर बार तुम्ही ने माँ मुश्कित से उभारा है
मझधार थी जब नैय्या तूने पार उतारा है
बंधन से छुड़ाया है हर मुक्ति तुम्ही मैय्या
सुखधाम कहाती हो बस प्रेम लुटाती हो
संतप्त ह्रद्य में भी आनंद बहाती हो
संतोष तुम्ही से है हर तृप्ति तुम्ही मैय्या