ग़ज़ल
तेरी सूरत तेरी अदा सुन्दर
हर जगह तुम लगे सदा सुन्दर
हर जगह तुम लगे सदा सुन्दर
तेरा होना मधुर मधुरतम है
तेरे होने का सिलसिला सुन्दर
तेरे होने का सिलसिला सुन्दर
तेरे सौंदर्य का कहा किस्सा
मेरा अस्तित्व ही हुआ सुन्दर
मेरा अस्तित्व ही हुआ सुन्दर
मूँद आँखें तुम्हें निहारा जब
मौन भाषा ने फिर कहा सुन्दर
मौन भाषा ने फिर कहा सुन्दर
मूढ़ सी हो गई चपल चंचल
देख कर सामने सखा सुन्दर
देख कर सामने सखा सुन्दर
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