टप्पे
आजकल पंजाब के होशियारपुर जिला में कार्यरत्त हूँ, यहाँ की सांझी संस्कृति में, लोक गीतों एवं लोक धुनों में 'टप्पों ' का अपना महत्व एवं सौदर्य है, यहाँ की माटी ने भेंट स्वरुप मुझे कुछ टप्पे दिए हैं, उन में से कुछ टप्पे प्रस्तुत कर रहा हूँ .....
मैं कमली हो गयी आँ----२
तेरियां बाहाँ विच्च
मैं जगदे सो गयी आँ
असीं किकली पावां गे ----२
तेरे हत्थां विच्च
असीं उडदे जावाँ गे
तुस्सीं फुल्लां वरगे हो---२
हत्थ भी लांडे डरदे
साहां नाल ही झडदे हो
साडे मन ते राज करो ---२
साडे सुर छेडो
सानू अपना साज करो
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