तुम हो अंबर तो इक उड़ान हूँ मैं
तेरे होने की दास्तान हूँ मैं
तेरे होने की दास्तान हूँ मैं
तूने मंज़िल को रास्ता बक्शा
तेरी रह का ही इक निशान हूँ मैं
तेरी रह का ही इक निशान हूँ मैं
हर कदम इक नई चुनौती है
हर कदम एक इम्तिहान हूँ मैं
हर कदम एक इम्तिहान हूँ मैं
तेरी करुणा के नील सागर को
देखता बन के आसमान हूँ मैं
देखता बन के आसमान हूँ मैं
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