श्याम तुम से प्रेम कर के श्यामली मैं हो गयी
सांवले से प्रीत जोड़ी सांवली मैं हो गयी
सांवले से प्रीत जोड़ी सांवली मैं हो गयी
कल तक थी कंचन कामिनी इक चंचला सी दामिनी
क्या जादू तूने कर दिया इक रंग मुझ में भर दिया
वो कामिनी वो दामिनी देखो हुई है सांवली, अब श्यामली
क्या जादू तूने कर दिया इक रंग मुझ में भर दिया
वो कामिनी वो दामिनी देखो हुई है सांवली, अब श्यामली
कह दो मुझे तुम श्याम या फिर श्याम की ही श्यामली
भांवरे से प्रीत कर के भांवरी मैं हो गयी
श्याम तुझ से प्रेम कर के ........................................
भांवरे से प्रीत कर के भांवरी मैं हो गयी
श्याम तुझ से प्रेम कर के ........................................
पूछें मुझे सखियाँ मेरी तुझे क्या हुआ तुझे क्या हुआ
सुन ऐ सखे मैं क्या कहूँ कुछ भी कहा जाता नहीं
हर शब्द अब लाचार है वह कुछ भी कह पाता नहीं
सुन ऐ सखे मैं क्या कहूँ कुछ भी कहा जाता नहीं
हर शब्द अब लाचार है वह कुछ भी कह पाता नहीं
बस इसलिए मैं गौण हूँ दिखती भी हूँ पर मौन हूँ
चाँद से है प्रीत जोड़ी यामिनी मैं हो गयी
श्याम तुझ से प्रेम कर के ........................................
चाँद से है प्रीत जोड़ी यामिनी मैं हो गयी
श्याम तुझ से प्रेम कर के ........................................
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